लघु उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1. मछली और दीदी में क्या समानता दिखलाई पड़ी ? स्पष्ट करें। [2013A]
उत्तर- मछली पत्थर पर पटकी जा रही थी तो दीदी पिताजी द्वारा पीटी जा रही थी। मछली पानी के बिना छटपटा रही थी तो दीदी अपने पिता के दुर्व्यवहार के कारण सिसकियाँ ले रही थी। जिस प्रकार मछलियाँ विवश थी, उसी प्रकार, पिताजी के अनुशासन के आगे दीदी भी लाचार थी। लेखक को इन स्थितियों में मछली और दीदी में समानता दिखाई देती है क्योंकि दोनों में तड़प है, विवशता है, लाचारी है अर्थात् मछली तथा दीदी दोनों ही पिताजी की संवेदनहीनता का शिकार थी।
प्रश्न 2. मछली को छूते हुए संतू क्यों हिचक रहा था ? [2015AII]
उत्तर- संतू बड़े प्यार से मछलियों की तरफ देख रहा था। वह मछलियों को छूकर देखना चाहता था। लेकिन, हिचक रहा था क्योंकि उसे डर था कि मछली उसे काट न ले।
प्रश्न 3. संतू मछली लेकर क्यों भागा ? [ 2018AI]
उत्तर- संतू को यह मालूम हो गया कि मछली को काटा जाएगा। यह सोचकर वह उदास हो गया। वह चाहता था कि मछली को कुएँ में डाल दिया जाए और जब उसका मन हो वह बाल्टी लगाकर कुएँ से मछली को निकालेगा और उसके साथ खेलेगा तथा फिर उसे कुएँ में डाल देगा। मछली को काटने की बात सुनकर वह व्याकुल हो गया और कुएँ में डालने के लिए मछली को लेकर भाग गया।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1. सप्रसंग व्याख्या करें : ‘नहान घर की नाली क्षणभर के लिए पूरी भर गई, फिर बिलकुल खाली हो गयी।’ [2022AI]
उत्तर- प्रस्तुत गद्यांश विनोद कुमार शुक्ल द्वारा लिखित कहानी ‘मछली’ शीर्षक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने पूरे घर में फैली मछलियों जैसे गंध के विषय में प्रकाश डाला है। लेखक का कहना है कि बाल्टी को उलटने पर पानी तो क्षण भर में निकल गया और स्नान घर की नाली बिल्कुल खाली हो गई। लेकिन, सारा घर मछलियों की गंध से भर गया। लेखक के कहने का तात्पर्य है कि जब व्यक्ति की संवेदनानष्ट हो जाती है तब वह पूरे वातावरण को दूषित बना देता है। उसके इस दोष का प्रभाव समाज पर इस प्रकार पड़ता है कि उसके मरने के बाद भी वह दोष लोगों को हँसता रहता है। अर्थात् जब बुराई फैल जाती है तो दीर्घ काल तक समाज को परेशान करती रहती है। लोगों का दम घूँट जाता है। जैसे बाल्टी मे मछली रखा पानी को बहा दिया जाता है। किन्तु, मछली की गंध कायम रहती है और पूरे परिवार को बेचैन बनाए रखती है।