लघु उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1. ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ में मूढचेतनाराधम किसे कहा गया है ?2019Cअथवा, नीतिश्लोकाः पाठ के आधार पर अधम नर किसे कहा गया है ?12011A,2014A1, 2024AII
उत्तर- इस पाठ में आए नीतिश्लोक के अनुसार जो बिना बुलाए प्रवेशकरता है, बिना पूछे बहुत बोलता है । अविश्वसनीय व्यक्ति पर विश्वास करताहै। वह मूर्ख हृदय वाला ही मूढचेतनाराधम (अधम नर) व्यक्ति कहा जाता है।
प्रश्न 2. नीतिश्लोकाः पाठ के आधार पर मनुष्य के छः दोषों का हिन्दी में वर्णन करें।[2012A] अथवा, सम्पन्नता चाहने वाले को किन-किन दोषों को छोड़ देनाचाहिए ?[2023AI] अथवा, अपनी प्रगति चाहने वाले को किन-किन दोषों को त्याग देनाचाहिए ?[2022C, 2024AI]
उत्तर- महात्मा विदुर द्वारा रचित ‘विदुरनीति’ ग्रंथ से संकलित ‘नीतिश्लोकाः’पाठ में मनुष्य के छह दोषों का वर्णन किया गया है। ये छह दोष-नींद, तन्द्रा, भय,क्रोध, आलस्य और दीर्घसूत्रता (किसी काम को विलंब से करने की प्रवृत्ति)हैं।नीतिकार का कहना है कि प्रगति की इच्छा रखनेवाले मनुष्यों को इन छह दोषों कोत्याग देना चाहिए, क्योंकि अधिक निद्रा के कारण वह कोई काम समय पर नहींकर पाता । वह तंद्रावश प्रत्येक काम में पीछे रह जाता है । भय के कारण कामआरंभ ही नहीं करता तथा क्रोध के कारण बना काम भी बिगड़ जाता है । आलस्यके कारण समय का सदुपयोग नहीं हो पाता, तो दीर्घसूत्रता अथवा काम को कल(आनेवाले समय) पर छोड़ने के कारण काम का बोझ बढ़ जाता है । अत: हमें इनका त्याग करना चाहिए ।
प्रश्न 3. नीतिश्लोकाः पाठ का पाँच वाक्यों में परिचय दें । [ 2013A]
उत्तर- इस पाठ में व्यासरचित महाभारत के उद्योग पर्व के अन्तर्गत आठ अध्यायों की प्रसिद्ध विदुरनीति से संकलित दस श्लोक है। महाभारत युद्ध केआरंभ में धृतराष्ट्र ने अपनी चित्तशान्ति के लिए विदुर से परामर्श किया था । विदुरने उन्हें स्वार्थपरक नीति त्याग पर राजनीति के शाश्वत परमार्थिक उपदेश दिए थे।इन्हें ‘विदुरनीति’ कहते हैं। इन श्लोकों में विदुर के अमूल्य उपदेश भरे हुए हैं।
प्रश्न 4. नीतिश्लोकाः पाठ के अनुसार कौन-सा तीन वस्तु त्याज्य है ?[2013A]
उत्तर-नरक की त्रिविध त्याज्य वस्तु काम, क्रोध एवं लोभ है। इसमें लिप्तरहने वाले का नाश हो जाता है। अपने को बचाने के लिए इन तीनों को जीवन से हटा देना चाहिए। इनके बिना ही जीवन पथ पर शांति एवं सफलतापूर्वक चलाजा सकता है ।
प्रश्न 5. ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ के आधार पर पण्डित के लक्षण क्याहै ?[ 2018AI, 2024AII]
अथवा, पण्डित किसे कहा गया है ? [2019AL,2020A1, 2022AI]
उत्तर-सभी जीवों के तत्व को जानने वाला, अपने कर्म का योग के तरह जानने वाला और मनुष्यों के उपाय को जानने वाले मनुष्य पण्डित है। ये पण्डितो के लक्षण है ।
प्रश्न 6. अपनी प्रगति चाहने वाले को क्या करना चाहिए ?[2018AII, 2022CJ
उत्तर-अपनी प्रगति चाहने वाले को लगन, धैर्य और उत्साह के साथ कठिनपरिश्रम करना चाहिए । इससे व्यक्ति किसी भी कठिनाई पर विजय प्राप्त कर सकता है। मेहनती व्यक्ति अवश्य सफल होते हैं ।
प्रश्न 7. नरक के तीन द्वार कौन-कौन से हैं ? [2019AI, 2021AJJ
उत्तर-नरक के तीन द्वार इस प्रकार से है-काम, क्रोध, लोभ ।
प्रश्न 8. कुल की रक्षा कैसे होती है ?[2019AI]
उत्तर-व्यक्ति के अच्छे आचरण से वंश या कुल की रक्षा होती है।
प्रश्न 9. ‘नीतिश्लोका’ पाठ के आधार पर ‘मूढचेता नराधम्’ के लक्षणों को लिखें।[2019AII]
उत्तर- इस पाठ में आए नीतिश्लोक के अनुसार जो बिना बुलाए प्रवेशकरता है, बिना पूछे बहुत बोलता है । अविश्वसनीय व्यक्ति पर विश्वास करताहै। वह मूर्ख हृदय वाला ही मूढचेतानराधम (अधमनर) व्यक्ति कहा जाता है ।
प्रश्न 10. नीतिश्लोकाः पाठ से किसी एक श्लोक को साफ-साफ शब्दों में लिखें ।[2019AI1, 2023AII]
उत्तर-यस्य कृत्यं न विघ्नन्ति शीत मुष्णं भयं रति । समृद्धिर समृद्धिर्षा सर्वे पण्डित उच्चते ।।
प्रश्न 11. विद्या व अहिंसा से क्रमश: क्या-क्या प्राप्त होता है ?[2019C]
उत्तर-विद्या से परम् तृप्ति और अहिंसा से परम सुख प्राप्त होता है ।
प्रश्न 12. वे छः दोष कौन-कौन से हैं जो ऐश्वर्य-प्राप्ति में अवरोधउत्पन्न करते हैं ?[2019C]
उत्तर-निद्रा, तन्द्रा, भय, क्रोध, आलस्य और सूत्रता ये छ: दोष है जोऐश्वर्य प्राप्ति में अवरोध उत्पन्न करते हैं। लिखें ।
प्रश्न 13. नीतिश्लोकाः पाठ के आधार पर मूर्ख कौन है ?[2020AJI, 2021AII) अथवा, नीतिश्लोकाः पाठ के आधार पर नराधम (मूर्ख) के लक्षण[2012C, 2018C, 2019AII)अथवा, ‘नीतिश्लोकाः’ पाठ में मूर्ख किसे कहा गया है ? [2023A11]
उत्तर-बिना बोले प्रवेश करने वाला, बिना पूछे बोलने वाला, अविश्वासीव्यक्ति नराधर्म (मूर्ख) है। ऐसे लोगों से सदा दुरी बनाकर रखनी चाहिए। ऐसे व्यक्ति धोखेबाज हो सकता है ।
प्रश्न 14. इस संसार में कैसे लोग सुलभ और कैसे लोग दुर्लभ है ?[2021AT]
उत्तर- इस संसार में प्रियवचन बोलने वाले लोग सुलभ हैं और अप्रिय एवं अनुचित बोलने वाले और सुनने वाले अप्रिय होते हैं।