लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. देवनागरी लिपि में कौन-सी भाषाएँ लिखी जाती है ?J2011C, 2016A1, 2022A11
उत्तर- देवनागरी लिपि में हिन्दी तथा इसकी विविध बोलियाँ, हमारे पड़ोसी देश नेपाल की नेपाली (खसकुरा) व नेवारी भाषाएँ तथा मराठी भाषाएँ लिखी जाती है।
प्रश्न 2. नागरी लिपि कब तक सार्वदेशिक लिपि थी ? 12012A, 2013CL
उत्तर-नागरी लिपि किसी नगर विशेष की लिपि नहीं थी। ईसा की आठवीं नौवीं सदी से नागरी लिपि का प्रचलन सारे देश में था। उस समय तक यह एक ‘सार्वदेशिक लिपि’ मानी जाती रही हैं। यह लिपि काफी लोकप्रिय थी। इस लिपि का प्रचार-प्रसार सार्वदेशिक और सार्वकालिक रहा है।
प्रश्न 3. नागरी को देवनागरी क्यों कहते हैं ? लेखक इस संबंध में क्या बताता है ? [2013C, 2015C]
उत्तर- नागरी को उत्तर भारत में ‘देवनागरी’ कहा जाता है । लेखक के अनुसार देवनागरी लिपि से संबद्ध कई मत हैं । एक मत के अनुसार, काशी देवनगरी है, इसलिए यहाँ चलने वाली लिपि ‘देवनागरी’ कहलायी दूसरे मत के अनुसार, चन्द्रगुप्त (द्वितीय) ‘विक्रमादित्य’ का व्यक्तिगत नाम देव था । इसलिए गुप्तों की राजधानी पटना को देवनगर और यहाँ प्रचलित लिपि को देवनागरी कहा गया । किन्तु, लेखक यह सब प्रामाणिक नहीं मानता ।
प्रश्न 4. देवनागरी लिपि के अक्षरों में स्थिरता कैसे आयी है ? [2015AL, 2021AI]
उत्तर- लगभग दो सौ वर्ष पहले देवनागरी लिपि के टाइप बने और इसमें पुस्तकें छपने लगी तब इसके अक्षरों में स्थिरता आई है। यानी टाइप बनने के कारण अक्षरों में स्थिरता आई।
प्रश्न 5. लेखक ने पटना से नागरी का क्या संबंध बताया है ? [2018AII]
उत्तर- लेखक का दूसरा मत है कि नागरी शब्द किसी नगर अर्थात् बड़े शहर से संबंधित है। ‘पादताडितकम्’ नामक एक नाटक में ऐसी जानकारी मिलती है कि पाटलिपुत्र (पटना) को नगर कहते थे। हम यह भी जानते हैं कि स्थापत्य की उत्तर भारत की एक विशेष शैली को ‘नागर शैली’ कहते हैं। अतः नागरी या नागरी शब्द ‘पटना’ से संबंध रखता है। एक और मत है कि चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य का व्यक्तिगत नाम ‘देव’ था और इनकी राजधानी पटना को देवनगर कहा जाता होगा।
प्रश्न 6. गुर्जर-प्रतिहार कौन थे ? [2019C]
उत्तर-गुर्जर-प्रतिहार को भारत के बाहर से आया शासक माना जाता है । ईसा की आठवीं सदी के पूर्वार्द्ध में अवंती प्रदेश में इन्होंने अपना शासन खड़ा किया और बाद में, कन्नौज पर भी अधिकार कर लिया। मिहिर भोज, महेन्द्रपाल आदि प्रसिद्ध प्रतिहार शासक थे।
प्रश्न 7. उत्तर भारत में किन शासकों के प्राचीन नागरी लेख प्राप्त होते हैं ? [2023A]
उत्तर- उत्तर भारत में मेवाड़ के गुहिल, सांभर-अजमेर के चौहान, कन्नौज के गहड़वाल, काठियावाड़-गुजरात के सोलंकी, आबू के परमार, जेजाकभुक्ति के चंदेल तथा त्रिपुरा के कलचुरि शासकों के लेख नागरी लिपि में है।
प्रश्न 8. लेखक गुणाकर मुले ने किन भारतीय लिपियों से देवनागरी लिपि का संबंध बताया है ? [2024AII]
उत्तर- लेखक ने संस्कृत, प्राकृत, गुजराती, बंगाली तथा ब्राह्मणी लिपियों से देवनागरी का संबंध बताया है । नागरी या नंदिनागरी भी देवनागरी के समान है ।