लघु उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1. कवि किस तरह के बंगाल ने एक दिन लौटकर आने की बात करता है ? [2011C, 2012A, 2012C, 2024AII |
उत्तर- कवि हरी घास काले बंगाल, धान के खेत काले बंगाल, कल-कल कुरती नदी वाले बंगाल तथा रंगीन बादलो में एक दिन लौटकर आने की बात करता है।
प्रश्न 2. कवि जीवनानंद दास अगले जीवन में क्या बनने की संभावना व्यक्त करते हैं और क्यों ? [2020A1, 2023AII]
उत्तर- कवि अगले जीवन में मनुष्य, अबाबील, कौवा, हंस, घुँघरू, उल्लू पादप आदि बनने की संभावना व्यक्त करता है। क्योंकि ये सभी गाँव के जीवन के अंग है और कवि को गाँव का जीवन पसंद है।
प्रश्न 3. कवि जीवनानंद दास अगले जन्म में अपने मनुष्य होने में क्यों संदेह करता है ? इसका कारण क्या हो सकता है ? [2022AI]
उत्तर- कवि मनुष्य से अधिक बंगाल की प्राकृतिक छटा तथा उसमें विचरते जीव-वस्तुओं से प्रेम करता है। मनुष्य जिसे प्रेम करता है, उसके प्रति उसका आकर्षण, मनोभाव, रूचि से जीवन का अवसर देते हैं।
प्रश्न 4. व्याख्या करें
बनकर शायद हंस मैं किसी किशोरी का; घुंघरू लाल पैरों में; [2024AI]
उत्तर- प्रस्तुत पद्यांश जीवनानंद दास द्वारा लिखित कविता ‘लौटकर आऊँगा फिर’ से उद्धृत है । इसमें कवि ने प्रकृति-प्रेम के प्रति अपनी उत्कट लालसा प्रकट की है। कवि के कहने का आशय है कि वह इस नश्वर जीवन के बाद भी इसी बंगाल में जन्म लेकर नदी, मैदान, हरे-भरे पेड़-पौधे आदि के अनुपम सौन्दर्य का वर्णन करना चाहता है । उसकी यह भी इच्छा है कि वह किसी युवती के लाल पैरों में बजती घुंघरू के समान मधुर स्वर का संधान करूँ अर्थात् ऐसी काव्य-रचना करूँ कि उसके मधुर भाव का रसपान कर पाठक अपने-आप को भूल जाएँ ।
जैसे-घुंघरू की मधुर आवाज मन को मोह लेती है, उसी प्रकार पाठक काव्य-रस से रस-मग्न हो जाए । इस प्रकार कवि ने अपने प्रकृति-प्रेम तथा जन्म-भूमि के प्रति उत्कट प्रेम प्रकट कर बंगाल के प्रति कृतज्ञता प्रकट की है। भाषा सहज-सरल तथा भावभिव्र्व्याजित है । ‘मैं किसी किशोरी का; घुंघरू लाल पैरो में; में श्रृंगार रस है । उपमा अलंकार है, माधुर्य गुण है ।