वर्णिका(चंद्रिका) पाठ 4. नगर

 बोध और अभ्यास : प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1. लेखक ने कहानी का शीर्षक ‘नगर’ क्यों रखा? शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट करें ।
उत्तर-कोई भी कहानीकार या लेखक अपनी रचना का नामकरण देश, काल,पात्र, परिस्थिति, विषयवस्तु तथा प्रवृत्ति के आधार पर करते हैं। ‘नगर’ कहानी काशीर्षक ‘नगर’ नगरीय व्यवस्था के आधार पर रखा गया है। आज नगर सारी समस्या का केन्द्र है। यहीं हरदुष्प्रवृत्ति का जन्म तथा विकास होता है। नगरहर सुविधाओं से युक्त होता है। जिस कारण ग्रामीणों को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए यहाँ आना पड़ता है, किन्तु यहाँ के पढ़े-लिखे लोग भोली-भालीसाधारण आम जनता की उपेक्षा तथा शोषण करते हैं।कहानीकार ने “मदुरै” नगर के माध्यम से सारे नगरों की अव्यवस्था या अस्त-व्यस्तता की ओर ध्यान आकृष्ट किया है। उसका मानना है कि आज नगर सारे जुल्मोंका अड्डा है, जहाँ निरीह जनता शोषण एवं उपेक्षा की शिकार होती है।वल्लिअम्माल अपनी पुत्री पाप्पाति को नगर के अस्पताल में इलाज कराने ले जातीहै, लेकिन वहाँ की अव्यवस्था से भयभीत होकर पुत्री को लेकर वापस लौट जाती है,क्योंकि नगर में पैसों वालों की पूछ होती है। वहाँ ‘पैसा फेंको, तमाशा देखो’ वालीबात चल रही है। जिसके पास पैसे नहीं हैं, वहाँ उनके लिए कोई जगह नहीं है।कहानी का शीर्षक घटना एवं परिस्थिति के अनुकूल है

प्रश्न 2. पाप्पाति कौन थी और वह शहर क्यों लायी गयी थी ?
उत्तर- पाप्पाति बारह वर्षीय एक ग्रामीण लड़की है। उसकी माँ का वलीअम्माल है। पाप्पाति को बुखार आ गया था। गाँव के प्राइमरी हेल्थ सेंटर के डॉक्टर ने उसे तुरंत “मदुरै” नगर के बड़े अस्पताल में ले जाने की सलाह दी। इसी इलाज के क्रम में उसकी माँ ने उसे शहर ले गई।

प्रश्न 3. बड़े डॉक्टर ने अपने अधीनस्थ डॉक्टरों से पाप्पाति को अस्पतालमें भर्ती कर लेने के लिए क्यों कहा? विचार करें।
उत्तर-बड़े डॉक्टर ने अपने अधीनस्थ डॉक्टरों से पाप्पाति को अस्पताल में भर्ती कर लेने के लिए इसलिए कहा, क्योंकि पाप्पाति ‘मेनिनजाइटिस’ रोग से पीड़ितथी। बड़े डॉक्टर विदेश से शिक्षा प्राप्त कर लौटे थे। वह एम. डी. के छात्रों को पढ़ाते थे। उन्होंने हाल ही में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में इस रोग की कुछ नईवर्णिका चन्द्रिका, ‘मेनिनजाइटिस’ दवाइयों के बारे में पढ़ा था। वह स्वयं पाप्पाति का इलाज करना चाहते थे। वह अपने प्राप्त ज्ञान का उपयोग कर यश प्राप्त करना चाहते थे, क्योंकि पहले मेनिनजाइटिस एक भयानक रोग माना जाता है। इस रोग वालों को बचना असंभव माना जाता है।इसलिए उन्होंने ‘एक्यूट केस ऑफ मेनिनजाइटिस’ कहा था और उसे अस्पताल मेंभर्ती कर लेने को कहा था ।

प्रश्न 4. बड़े डॉक्टर के आदेश के बावजूद पाप्पाति अस्पताल में भर्तीक्यों नहीं हो पाती ?
उत्तर-बड़े डॉक्टर के आदेश के बावजूद पाप्पाति की अस्पताल में भर्ती इसलिए नहीं हो पाती, क्योंकि उसकी माँ अनपढ़, गरीब, ग्रामीण महिला है। अशिक्षा के कारण उसकी माँ न तो किसी की बात समझ पाती है और न ही कुछ पढ़ पातीहै। इस कारण उसे बार-बार इधर-उधर भटकना पड़ता है। साथ ही, अस्पताल मेंकार्यरत लोग पैसे पर बिकने वाले थे। जो उनकी जेब भर देता था, उनके लिए कोई नियम या पाबंदी नहीं थी, जबकि वल्लिअम्माल जैसी निरीह महिला को नियम कीबात कहकर परेशान किया जाता है। यानी अधीनस्थ डॉक्टर एवं कर्मचारी पैसे पर बिके हुए हैं। उन्होंने बेड खाली न रहने की बात कहकर पाप्पाति की भर्ती नहीं की और अगले दिन सुबह साढ़े सात बजे आने को कहा। अस्पताल के ऐसे दूषितवातावरण से वल्लिअम्माल भयभीत हो गई कि उसे अपनी बेटी के पास रहने देगाया नहीं, ऐसा सोचकर बेटी को लेकर वह चली गई ।

प्रश्न 5. वल्लिअम्माल का चरित्र-चिरंण करें ।
उत्तर-वल्लिअम्माल ग्रामीण अनपढ़ महिला है। वह स्वभाव से भीरू है। भयके कारण ही वह किसी से कुछ पूछने में डरती है। अनपढ़ होने के कारण वह किसी प्रश्न का सही उत्तर नहीं देती है और 48 नं. कमरा भी नहीं खोज पाती। पुर्जी लेकरभटकती रह जाती है । वह परेशानी के कारण रोने लगती है तथा मृत पति परआक्रोश प्रकट करती है। वह सरल हृदय महिला है। उसे अपनी पुत्री के प्रति असीमप्रेम है। वह पुत्री से क्षण भर भी अलग होना नहीं चाहती है। यही कारण है कि जबडेढ़ घंटे तक अकेला छोड़ अस्पताल में इधर-उधर भटकती रहती है तो बेटी के पास पहुँचने के लिए बेचैन हो उठती है और मुख्य दरवाजे में ताला लगा देख फूट-फूटकर रोने लगती है। वह आस्तिक स्वभाव की है। उसे झाड़-फूँक, देवी-देवता आदिपर असीम श्रद्धा है। यही कारण है कि जब वह अस्पताल से बेटी को लेकर बसअड्डा की ओर जाती है तो मन्नत मानती है कि जब पाप्पाति ठीक हो जाएगी तो वैदीश्वरन जी के मंदिर जाकर दोनों हाथों में रेजगारी भरकर भगवान को भेंट चढाऊँगी ।

 कहानीएक महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर
प्रश्न 1. अस्पताल के बड़े डॉक्टर का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर-बड़े डॉक्टर हाल ही में विदेश से शिक्षा प्राप्त कर लौटे थे। वह यहाँअस्पताल में मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार करते थे। जब वे पाप्पाति का निरीक्षणकर रहे थे तो उन्होंने पाया कि इसे ‘मेनिनजाइटिस’ रोग है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नलमें इस रोग की कुछ नई दवाइयों के बारे में उन्होंने पढ़ा था। अस्पताल की कुव्यवस्थाके कारण जब पाप्पाति वहाँ से चली जाती है तो बड़े डॉक्टर उसे वहाँ न पाकर बहुतक्रोधित हो जाते हैं और जूनियर डॉक्टरों और क्लर्कों को अविलम्ब पाप्पाति कोअस्पताल में लाने का आग्रह करते हैं, क्योंकि वे जानते हैं इस रोग का इलाज जल्द न हुआ तो वह मर जाएगी। ऐसे डॉक्टर को भगवान की श्रेणी में रखा जासकता है।

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